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औरंगाबाद जिला अभिलेखागार के लिपिक देवेन्द्र कुमार वर्मा के विरूद्ध अवैध राशि उगाही करने एवं भ्रष्टाचार में लिप्त रहने के संबंध में जिला प्रशासन को शिकायत प्राप्त हुई है। साथ ही ऐसी सूचना भी प्राप्त हुई है कि इनके द्वारा नकल निर्गत किये जाने के एवज में आमजनों से अवैध पैसे की मांग की जाती है।दिनांक- 11.11.2022 को जिला पदाधिकारी द्वारा जिला अभिलेखागार कार्यालय, औरंगाबाद के निरीक्षण के दौरान देवेन्द्र कुमार वर्मा, लिपिक, जिला अभिलेखागार, औरंगाबाद के पास काफी संख्या में पुराने आवेदन पत्र निष्पादन हेतु लम्बित पाये गये थे, जिस पर अधोहस्ताक्षरी द्वारा खेद व्यक्त किया गया था एवं संबंधित लिपिक को कड़ी चेतावनी भी दी गई थी।
साथ ही देवेन्द्र कुमार वर्मा, लिपिक के विरूद्ध खतियान का नकल निर्गत किये जाने के एवज में अवैध राशि की मांग किये जाने संबंधी शिकायत पत्र जिला गोपनीय शाखा, औरंगाबाद में प्राप्त हुआ है, जो इनके भ्रष्टाचार में लिप्त रहने का द्योतक है। देवेन्द्र कुमार वर्मा, लिपिक, जिला अभिलेखागार, औरंगाबाद का उक्त कृत्य उनके भ्रष्टाचार में संलिप्तता को दर्शाता है तथा बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली-1976 के कडिका- 3.1 के उप कंडिका – (i), (ii), (iii) में निहित प्रावधानों का उल्लंघन है।
अतः बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियमावली – 2005 का नियम-9(2) के आलोक में उक्त लिपिक को प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार में संलिप्त रहने का दोषी पाते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। श्री वर्मा को निलम्बन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। साथ ही निलम्बन अवधि में श्री वर्मा का मुख्यालय गोह प्रखण्ड निर्धारित किया गया है। साथ ही जिला स्थापना उप समाहर्त्ता, औरंगाबाद को निदेश दिया गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार पटना की अधिसूचना संख्या- 15983, दिनांक- 14.12.2017 के परिप्रेक्ष्य में श्री देवेन्द्र कुमार वर्मा, लिपिक, जिला अभिलेखागार, औरंगाबाद के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही हेतु विहित प्रपत्र में आरोप पत्र गठित कर एक सप्ताह के अंदर जिला पदाधिकारी के समक्ष उपस्थापित करना सुनिश्चित करेंगे।