AURANGABAD: डीएम व एसपी ने सिंचाई की स्थिति का लिया जायजा , किसानों के समस्याओं के समाधान में लापरवाही बर्दाश्त नही -डीएम

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जिला पदाधिकारी औरंगाबाद और पुलिस अधीक्षक द्वारा बुधवार को विभिन्न अभियंताओं के साथ सिंचाई नहर की स्थिति, राजकीय नलकूप के संचालन की स्थिति, कृषि फीडर को निर्बाध विद्युत आपूर्ति एवं जले हुए ट्रांसफार्मर बदलने की स्थिति, डीजल अनुदान की प्रगति, फसल प्रत्यारोपण की स्थिति, वर्षा मापक यंत्र एवं रिकॉर्डिंग पद्धति की सक्रियता इत्यादि को लेकर कुटुम्बा प्रखण्ड के विभिन्न हिस्सों में कृषकों से बातचीत की गई एवं स्थल निरीक्षण किया गया।

जिला पदाधिकारी द्वारा जांच के दौरान कुटुंबा प्रखण्ड के नए भवन के कार्य को देखा गया और शीघ्र नए भवन में कार्यालय संचालन का निर्देश दिया गया। प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, कुटुंबा द्वारा बताया गया कि कार्य पूर्ण हो चुका है एवं 15 अगस्त के बाद से नए भवन से ही सभी कार्यों का संचालन होने लगेगा। साथ ही जिला पदाधिकारी द्वारा प्रखण्ड कैंपस में लगे वर्षा मापक यंत्र की सक्रियता एवं आंकड़ों की जांच की गई। प्रखण्ड सांख्यिकी पदाधिकारी, कुटुंबा द्वारा बताया गया 2 दिन से हल्की वर्षा हुई है किंतु आज वर्षा नहीं हुई है।

क्षेत्र भ्रमण में किसानों द्वारा बताया गया कि उत्तर कोयल नहर में बारी बारी से पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे नहर के निकटवर्ती क्षेत्र में रोपनी हुई है। अगले 10 दिनों में यदि वर्षा होती रहेगी तो रोपनी हो पाएगी। जिला पदाधिकारी द्वारा सभी किसानों को बताया गया कि वैकल्पिक फसल योजना के अंतर्गत मक्का, ज्वार, अरहर इत्यादि बीज का वितरण सरकार के द्वारा करवाया जाएगा और डीजल अनुदान के लिए भी आवेदन लेना प्रारंभ किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त कृषि फीडर में 16 घंटे से अधिक बिजली देने का निर्देश सरकार द्वारा दिया गया है। आपदा के समय में वैकल्पिक फसलों पर भी विचार किया जाना आवश्यक है।

विद्युत आपूर्ति के बारे में किसानों द्वारा बताया गया कि उन्हें बिजली बैराव विद्युत शक्ति केंद्र से मिलती है और वर्तमान में 16 घंटे से अधिक बिजली दी जा रही है। जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा बैराव विद्युत शक्ति केंद्र का भी निरीक्षण किया गया। उपस्थित कर्मियों द्वारा बताया गया कि सभी फीडर से 16 घंटे से अधिक बिजली दी जा रही है। एक फीडर में फॉल्ट आने के कारण उसकी आवश्यकता को दूसरे फीडर से पूर्ण किया गया है। जिला पदाधिकारी द्वारा उपस्थित किसानों से बिजली के बिल संबंधी समस्याओं के बारे में पूछा गया तो किसानों के द्वारा बिजली के बिल की राशि को ठीक बताया गया तथा बताया गया कि कुछ व्यक्तियों का बिल प्रतिमाह न आकर कुछ माह के अंतराल पर एक साथ आता है जिस पर सुधार करने के लिए बिजली विभाग के कर्मियों को निर्देशित किया गया।

कुटुंबा प्रखंड के बैराव में ही लघु जल संसाधन के द्वारा दो तालाब बनाए गए है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि दोनो तालाब किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी हैं एवं सिंचाई में सहायता करेंगे। केवल विभाग द्वारा इनकी मिट्टी को निकटवर्ती मैदान में गिरा दिया गया है जिसे समतल करने की आवश्यकता है। कार्यपालक अभियंता द्वारा बताया गया कि कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है और मिट्टी को समतल कर दिया जाएगा।

जिला पदाधिकारी द्वारा गांव के बच्चो से विद्यालय एवं शिक्षकों की उपस्थिति के बारे में जानकारी ली गई। और किसानों से उनकी अन्य समस्याओं के बारे में पूछा गया। किसानों द्वारा मुख्य समस्या वर्षा न होने को लेकर ही बताई गई और बताया गया कि अधिकांश किसान रक्षाबंधन तक भी बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं, तत्पश्चात ही वैकल्पिक फसलों का प्रयोग करेंगे।

जिला पदाधिकारी द्वारा उत्तर कोयल नहर का भ्रमण कर पानी की औसतन आपूर्ति को देखा गया। उत्तर कोयल नहर के अभियंताओं द्वारा बताया गया कि मोहम्मदगंज बैराज से 1800 क्यूसेक पानी निकलता है जिसका प्रयोग रास्ते के किसान करते हैं। औरंगाबाद में लगभग 590 क्यूसेक पानी वर्तमान में प्राप्त हो रहा है। झारखंड में बारिश होने पर इसकी मात्रा बढ़ेगी और अंतिम छोर तक पानी पहुंच पाएगा। पुलिस अधीक्षक द्वारा सभी अभियंताओं को कहा गया कि नहर के किनारे लगातार भ्रमण पर रहे एवं अवैध रूप से यदि पानी को रोका जाता है तो तुरंत निकटवर्ती थाना को सूचित करें।

जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा किसानों से उर्वरक की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली गई। किसानों द्वारा बताया गया कि रोपनी का क्षेत्र बढ़ने पर उर्वरक की आवश्यकता में भी वृद्धि होगी। पुलिस अधीक्षक द्वारा किसानों से कहा गया कि कहीं से भी उर्वरक की कालाबाजारी की सूचना मिलती है तो उन्हें इसकी सूचना दें, ऐसे व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भ्रमण के दौरान साथ चल रहे सभी पदाधिकारियों को निदेश दिया गया कि लगातार क्षेत्र में निरीक्षण करते रहें और किसानों से संबंधित समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करें। इसकी समीक्षा लगातार जिला पदाधिकारी द्वारा की जाएगी तथा वर्तमान समय में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।