AURANGABAD : नाबालिगों में चढ़ा प्यार का परवान , बच्चों के जिद्द के आगे माता-पिता बेवस और लाचार

FRIENDS MEDIA – BIHAR DESK

आधुनिक युग मे मोबाईल का प्रयोग जीवन को जितना सरल बना दिया हैं वहीं इसके दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं । जब से प्राइवेट स्कूलों द्वारा मोबाईल पर ऑन लाइन शिक्षा देने का प्रचलन चलाया गया है तब से माता – पिता अपने बच्चों के हाथों में मोबाईल देकर उसे और शिक्षित बनाना चाहते हैं। पर बच्चे शिक्षित हो या न हों वे ऑन लाइन गेम खेलने , फेसबुक चलाने में एवं गलत वीडियो देखने मे महारत हासिल जरूर कर रहें हैं । इतना ही नही बल्कि मोबाईल पर रील्स , स्टोरी जैसे वीडियोस बनाकर व उसे देखकर गलत दिशा में जा रहे हैं। यही कारण है कि आज किशोर -किशोरियों में प्रेम करने की ललक जग रही है ।

नाबालिगों में हुआ प्रेम , शादी करने पर अड़े

एक ऐसा ही मामला औरंगाबाद शहर से सामने आयी है। दो अलग-अलग मोहल्ले के रहने वाले नबालिग लड़का -लड़की आपस मे कई महीनों प्रेम कर रहे हैं । दोनो की उम्र लगभग 14-15 साल है। दोनो के परिजन अपने -अपने बच्चों को लाख समझाया ,परन्तु नतीजा कुछ भी नही निकला । दोनो आपस मे शादी करने पर अड़े हैं। यहां तक कि लड़की के पिता ने अपनी बच्ची को घर से निकलने से भी वंचित कर दिया है। जिसके बाद रविवार की आधी रात को लड़का चुपके से छत के सहारे लड़की के घर आ गया । जब उसके माता पिता उससे पूछा की इतनी रात को मेरे घर मे कैसे आ गये । तब लड़का ने कहा कि हम और आपकी बेटी दोनो प्रेम करते हैं और शादी करना चाहते हैं। लड़की के पिता ने रात में ही नगर थाना के पुलिस को सूचना दी । जिसके बाद पुलिस आयी और लड़का-लड़की दोनो से पूछताछ की । दोनो ने आपस मे प्रेम करने की बात कही , दोनो की उम्र और प्रेम की ललक देख थोड़ी देर के लिए पुलिस भी बेबस हो गई और दोनो को अपने -अपने घर जाने की बात कह बैरन वापस लौट गई । हालांकि पुलिस को चाहिए कि दोनों बच्चों व परिजनों के बीच काउंसलिंग कर जीवन बर्बाद होने से बचाये । दोनो के परिजनों ने बताया की हमलोग अपने बच्चों के जिद्द के आगे लाचार हैं । दोनो को दंडित करने के बाद उनलोगों द्वारा कोई गलत कदम न उठा लें इस बात का डर सता रहा है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही नासमझी में किये गए प्रेम के कारण 5 सहेलियों जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जीवन लिया समाप्त कर ली थी।

ऐसे मामलों सरकार व सम्बंधित विभागों द्वारा काउंसलिंग की विशेष जरूरत

दिन प्रतिदिन ऐसी बढ़ती घटनाओं को पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन , सम्बंधित विभाग व जिले भर में संचालित शैक्षणिक संस्थानों में छात्र-छत्राओं के बीच समय – समय पर काउंसलिंग की जानी चाहिए । ताकि नबालिग बच्चों में जागरूकता आये और कोई भी होने वाली बड़ी या अप्रिय घटना पर रोक लग सके । छात्र-छत्राओं का भविष्य उज्जवल हो सके ।अगर समय रहते ऐसे मामलों पर जिला प्रशासन व अभिभावकों द्वारा लगाम नही लगाई गई तो किसी भी अप्रिय घटना से इनकार नही किया जा सकता है।