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शुक्रवार को व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडिजे एगारह अनिन्दिता सिंह ने मुफ्फसिल थाना कांड संख्या 37/10 में भादवी धारा 304 पार्ट 2,149 में सुनवाई करते हुए छः अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया है । अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई की तिथि 05/05/22 निर्धारित किया गया है ।
अधिवक्ता ने बताया कि सूचक पिता रामबली यादव भोजा बिगहा मुफ्फसिल ने प्राथमिकी 02 मार्च 2010 को दर्ज़ कराया था , जिसमें कहा था कि मेरा पुत्र रामाधार यादव 01 मार्च 2010 को जोगिया से सब्जी लेकर घर लौट रहा था। जैसे ही वह रामविलास के झोपड़ी के पास पहुंचा तो रामबिलास यादव , राजेन्द्र यादव, मुन्ना यादव, राकेश यादव, विजेन्द्र यादव, सत्येन्द्र यादव सहेरा मुफ्फसिल द्वारा जबरदस्ती रंग डालने के हुए विवाद को लेकर लाठी डंडे तथा मुक्का से मारकर मेरे पुत्र रामाधार यादव को अधमरा कर छोड़ दिया था । जिसके बाद सदर अस्पताल से प्रारंभिक उपचार के बाद पटना ले जाने के क्रम में ओबरा रेलवे गुमटी के पास उसकी मृत्यु हो गई थी । अभियुक्त सत्येन्द्र, विजेन्द्र, राकेश एवं मुन्ना यादव ने 18/08/10 को न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था । मृतक का पक्ष में न्यायालय में गवाहों की गवाही, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट , आई थी । सूचक ने कहा था कि उस वक्त मेरे गांव में एक हादसा हो जाने के कारण कोई रंग नहीं खेल रहा था।