औरंगाबाद/बिहार
जिला पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन के नेतृत्व में मिली ऐतिहासिक उपलब्धि, स्वास्थ्यकर्मियों में उत्साह का माहौल
औरंगाबाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर अपनी उत्कृष्टता का परचम लहराया है। जिला पदाधिकारी और सिविल सर्जन के कुशल नेतृत्व में जिले के 16 स्वास्थ्य संस्थानों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) के तहत गुणवत्ता प्रमाणन मिला है। यह उपलब्धि न सिर्फ जिले के लिए गौरव का विषय है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार की दिशा में एक मजबूत कदम भी है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 14 ग्रामीण स्वास्थ्य उपकेंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में उन्नत करते हुए उन्हें राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया गया था। अब राज्य स्तर पर इन संस्थानों को गुणवत्ता प्रमाणन हेतु चयनित कर लिया गया है। जल्द ही नेशनल ऑडिट टीम द्वारा अंतिम मूल्यांकन किया जाएगा।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो. अनवर आलम ने कहा, “किसी भी संस्थान को NQAS प्रमाणन मिलना न केवल सेवा की गुणवत्ता का प्रमाण है, बल्कि पूरे जिले के स्वास्थ्य तंत्र की सक्षमता को दर्शाता है।”
प्रमाणित स्वास्थ्य संस्थानों की सूची:
- बाँसेखाप (सदर)
- करसांव (ओबरा)
- जिनोरिया (दाउदनगर)
- अंछा (दाउदनगर)
- गहना (हसपुरा)
- अमारी (गोह)
- पाण्डेय कर्मा (रफीगंज)
- आजन (मदनपुर)
- प्राणपुर (मदनपुर)
- एरकी (देव)
- डुमरी (कुटुम्बा)
- अंकोढ़ा (नबीनगर)
- धुरिया (बारूण)
- सैलवा (मदनपुर)
इसके अतिरिक्त, पूर्व में रफीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय स्तर पर तथा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सोन कॉलोनी, औरंगाबाद को राज्य स्तरीय प्रमाणन प्राप्त हो चुका है।
अधिकारियों और कर्मियों में हर्ष:
इस उपलब्धि पर सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मिथिलेश प्रसाद सिंह, जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. रवि रंजन, एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने जिले के सभी स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
यह उपलब्धि दर्शाती है कि औरंगाबाद अब सिर्फ विकास की नहीं, बल्कि ‘गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सेवा’ की भी पहचान बन रहा है।