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औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह लोकसभा में ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मैं बिहार के औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनकर आता हुँ । मेरे संसदीय क्षेत्र में औरंगाबाद एवं गया दो जिले हैं । दोनों जिले नक्सल प्रभावित एवं अत्यंत पिछड़े हुए हैं। और मेरा जिला प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी योजना एवं आकांक्षी जिले की सूची में है। मैं आपके माध्यम से ग्रामीण विकास मंत्री से यह पूछना चाहता हुँ कि सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं ? सरकार द्वारा उधमिता संबंधी कार्यक्रम के लिए राज्यवार कितना आवंटन किया गया है? और मंत्रालय के नियंत्रणाधिन निकाय ने इस प्रयासो की प्रभावकारिता एवं प्रभाव का आकलन एवं सरकार द्वारा इस क्षेत्र के लिए किए गए कार्यों प्रयासों से कितना प्रभाव पड़ा है ?
सांसद ने कहा कि जो प्रश्न का जवाब मंत्री ने दिया है वह संतोषजनक है। अभी तक कुल 40 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है । जिनमें 70% लगभग 28 लाख युवाओं को 28 फरवरी 2022 तक नियोजित भी कर दिया गया है ,लेकिन मैं आपके माध्यम से कहना चाहता हुँ कि इसकी जो इकाई है वह एक ब्लॉक है । स्वीकृत निधियों से एक ब्लॉक में अधिकतम 2400 उधमो की सहायता दी जा सकती है। जिसमें अधिकतम बजट 597 लाख है । मैं आपके माध्यम से मंत्री से जानना चाहता हुँ कि जो जिले नक्सल प्रभावित हैं एवं आकांक्षावान जिले के सूची में है जो राज्य और देश के औसत विकास तक पहुंचना चाहते हैं ,जिन जिले के युवा मुख्यधारा से ना भटके वह बंदूक ना थामकर उनके हाथ में काम हो ऐसे जिलों को इस योजना के माध्यम से उन बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षित करके उनको रोजगार या नियोजित करने की कोई योजना आपके पास है या आप करना चाहते हैं ।मैं ग्रामीण विकास मंत्री से जानना चाहता हुँ ।
जवाब में ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि सदस्य जो विषय रखा है मैं जानता हुँ । मैं भी बिहार से आता हुँ जिला संवेदनशील है । मैं राज्यों के माध्यम से काम करता हुँ । 22 जिले राज्य ने दिया है । विभाग केवल रूरल सेल्फ एंप्लॉयमेंट ट्रेनिंग आरसीटी के माध्यम से स्टार्टअप विलेज आउटर प्रियोर के माध्यम से डीडीयूजीकेवाई,के माध्यम से प्रोजेक्ट उन्नति के माध्यम से और एनआरएलएम के माध्यम से एनआरईटीपी के माध्यम से हम करते हैं । इनके राज्य को भी हमने देने का काम किया है । हम आग्रह करूँगा कि राज्य के जिले के प्रस्ताव आएंगे तो हम विचार करेंगे । सांसद ने मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा की हमारे राज्य बिहार को स्वीकृत निधियां 6704 लाख रुपए है ,जिनमें केन्द्र का जो अंश है वह 4022 लाख रुपए है। मैं इसके लिए संतोष व्यक्त करता हुँ ,लेकिन मैं एक विशेष योजना की बात कर रहा हुँ और मैं अध्यक्ष के माध्यम से मंत्री से जानना चाहता हुँ कि क्या किसी विशेष योजना को चलाकर राज्य सरकार से प्रस्ताव मांग कर आप ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं को एक विशेष योजना के तहत काम मिले इसके लिए सौर ऊर्जा चालित चरखा उनको देखकर जो चरखा से सूत कटेगी उसकी जो मार्केटिंग हो उसमें सरकार सहायता करने की मंशा रखती है क्या? ग्रामीण विकास मंत्री ने जबाब में कहा कि सदस्य के द्वारा जो विषय उठाया गया है इसमें एक आजीविका मिशन है । एनआरएलएम के तहत जिसमें पूरे देश में जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सत्ता में आए हैं । पहले 2.35 करोड था आज 8 करोड़ से ऊपर महिलाएं हैं बिहार में भी 1.25 करोड़ महिलाएं हैं और 5 लाख करोड़ बैंक से लिंक कर दिए हैं । मैं आग्रह करूंगा कि वहाँ के जिला एनआरएलएम से बात करके वहाँ प्रपोजल बनाए और वह प्रपोजल सोलर चरखा का बनावे या महिलाओं के लिए और रोजगार का बनावे या महिलाएं आरसीटी हर जिले के बैंक के द्वारा है उन बैंकों पर भी ग्रामीण युवक की ट्रेनिंग दी जाती है।