औरंगाबाद । के व्यवहार न्यायालय में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी शोभित सौरव ने जी आर 1921/19, टंडवा थाना कांड संख्या -70/19 में फैसला सुनाते हुए बसडिहा पैक्स अध्यक्ष कैलाश यादव को सज़ा सुनाई। मामले की प्राथमिकी 17 अक्टूबर 2019 को सहकारिता प्रसार पदाधिकारी नवीनगर नीरज कुमार द्वारा दर्ज की गई थी।आरोप था कि कैलाश यादव ने बसडिहा पंचायत के किसानों से क्रय किए गए 573.53 किवंटल सीएमआर चावल को राज्य खाद्य निगम, औरंगाबाद को 31 जुलाई 2019 तक जमा नहीं किया था। चावल का कुल मूल्य 14 लाख तीन हजार दो सौ बारह रुपए था, जो सरकारी राशि का गबन माना गया।
न्यायालय ने कैलाश यादव को भारतीय दंड संहिता की धारा 406 और 420 के तहत दोषमुक्त किया। धारा 409 के तहत दोषी करार देते हुए तीन साल कठोर कारावास और दस हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर एक माह अतिरिक्त कारावास होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से पांच गवाहियों का समर्थन मिला, जबकि बचाव पक्ष से कोई गवाह नहीं आया। अभियुक्त कैलाश यादव पिछले तीस महीनों से जेल में बंद हैं। अभियुक्त पर आरोप 17 अगस्त 2020 को गठित किया गया था।
न्यायालय के इस फैसले से सरकारी राशि के गबन के मामलों में सख्ती से निपटने का संदेश मिलता है। इस मामले में दोषी पाए गए कैलाश यादव को कठोर सजा देकर न्यायालय ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।