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व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में शुक्रवार को एडिजे एगारह अनिन्दिता सिंह ने बारूण थाना कांड संख्या 294/09 में आज सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए पांचों अभियुक्तों को सज़ा सुनाई है । बता दें कि बारुण के सिलौंजा निवासी कुल सात अभियुक्त सिंकदर ओझा ,मुकेश ओझा , ब्रजेश ओझा , विंदा देवी , सुखदेव ओझा , आशुतोष ओझा , रामजतन पांडे को 05 अप्रैल 22 को दोषी करार देते हुए बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया था । इन मे से एक अभियुक्त ब्रजेश ओझा का जुबेनाइल होने का आवेदन आया है ।इसलिए ब्रजेश ओझा को आज सज़ा नहीं सुनाया गया है । वहीं विंदा देवी के कस्टडी से ना आ पाने के कारण सजा नहीं सुनाई गई है। बाकी 5 अभियुक्तों को धारा 307/149 में पांच साल की सजा व पन्द्रह हजार रुपए जुर्माना सुनाया गया है ,जुर्माना न देने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास तथा धारा 147 में एक साल की सजा सुनाई गई है । दोनों सजाएं साथ साथ चलेंगी।
जमीनी विवाद अभियुक्तों किया था जानलेवा हमला
इस वाद के सूचक अधिवक्ता शिवशंकर ओझा है । जिन्होंने प्राथमिकी 11/02/09 को बारूण थाना में दर्ज कराई थी । इन्होंने अभियुक्त बने अपने गोतिया पर जमीनी विवाद में जानलेवा हमला का आरोप लगाया था ।अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि अभियुक्तों पर आरोप पत्र 31/08/10 को आया था ।आरोप गठन 08/09/11 को हुआ था । सरकार की ओर से एपीपी ओमप्रकाश शर्मा अधिवक्ता है । जबकि बचाव पक्ष की ओर से परशुराम सिंह, अवध किशोर पांडे अधिवक्ता हैं । विंदा देवी के साथ उनके तीन बच्चे को दोषी ठहराते ही 65वर्षिय विंदा देवी 05 अप्रैल 22न्यायालय में ही बेहोश हो गई थी जिसके कारण न्यायालय में भारी भीड़ जमा हो गई थी।वहीं जिला जज मनोज कुमार तिवारी ने कोर्ट के इजलास में महिला अभियुक्त का हालचाल जानने के बाद समुचित इलाज में सदर अस्पताल भेज दिया था। आज महिला अभियुक्त नहीं आ सकी जिसके कारण उसे सज़ा नहीं सुनाया गया । उसके स्वस्थ होने पर कस्टडी से आने पर 13 अप्रैल को सज़ा सुनाई जाएगी।