औरंगाबाद । व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) तीन, सुनील कुमार सिंह ने जेल अधीक्षक को शोकोज नोटिस जारी किया है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही के अनुसार, यह आदेश अभियुक्त कैलाश राम के संबंध में दायर एक आवेदन की सुनवाई के बाद जारी किया गया है।
अभियुक्त कैलाश राम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। अभियुक्त को आपराधिक अपील दायर करनी थी, लेकिन पूर्व में अभियुक्त द्वारा हस्ताक्षरित वकालतनामा बारिश के पानी से नष्ट हो गया था। इसलिए, दुबारा हस्ताक्षर कराने के लिए जेल भेजा गया तो जेल प्रशासन ने अभियुक्त के हस्ताक्षर कराने से इंकार कर दिया।
इससे अभियुक्त के अपील के अधिकार की समयावधि बाधित हो रही है, जो कि कर्तव्यहीनता मानी गई है। इस पर न्यायालय ने जेल प्रशासन को आदेश दिया है कि 31 जुलाई 2024 तक अभियुक्त के वकालतनामा पर हस्ताक्षर सुनिश्चित करवाएं तथा स्पष्टीकरण न्यायालय में प्रस्तुत करें।
इस घटना ने न्यायालय और जेल प्रशासन के बीच संबंधों पर एक सवालिया निशान लगा दिया है। देखना होगा कि जेल प्रशासन इस आदेश का पालन किस प्रकार करता है और अभियुक्त कैलाश राम की अपील की प्रक्रिया में कोई और विलंब न हो।