बिहार का विश्वविख्यात देव कार्तिक छठ मेला–2025 आज “नहाय-खाय” के साथ शुरू हो रहा है। सूर्योपासना के इस महान पर्व को लेकर देव नगरी पूरी तरह आस्था के रंग में रंग चुकी है। देव सूर्य मंदिर परिसर, सूर्यकुंड और रूद्रकुंड घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने लगी है। दूर-दराज़ जिलों से छठ व्रती अपने परिजनों के साथ देव पहुंच रहे हैं, जहाँ चारों ओर “छठ मईया की जय” के जयघोष गूंज रहे हैं।
प्रशासन की तैयारी चरम पर
आगामी चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन ने व्यापक इंतज़ाम किए हैं। मंगलवार को जिला पदाधिकारी श्री श्रीकांत शास्त्री ने स्वयं देव मेला क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने देव सूर्यकुंड, रूद्रकुंड छठ घाट, सूर्य मंदिर परिसर, आवासन स्थल, पेयजल आपूर्ति, प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छता, यातायात एवं पार्किंग प्रबंधन की बारीकी से समीक्षा की।
डीएम ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और सुगम आवागमन सर्वोच्च प्राथमिकता पर हो। उन्होंने कहा कि सभी आवासन स्थलों पर अस्थायी शौचालय, स्वच्छ पेयजल, पर्याप्त रोशनी और चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध रहे ताकि किसी भी व्रती या आगंतुक को असुविधा न हो।
अधिकारियों की सतत निगरानी
निरीक्षण के दौरान अपर समाहर्ता (आपदा) उपेंद्र पंडित, कार्यपालक पदाधिकारी, अंचलाधिकारी देव समेत विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। जिला प्रशासन ने कहा है कि छठ मेला के दौरान पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी निगरानी, अतिरिक्त पुलिस बल और नियंत्रण कक्ष सक्रिय रहेंगे।
धार्मिक आस्था और पर्यटन का संगम
देव का छठ मेला न सिर्फ बिहार बल्कि देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनता है। सूर्य मंदिर की प्राचीनता और छठ घाटों की पवित्रता इस मेले को विशेष बनाती है। प्रशासन का दावा है कि इस बार श्रद्धालुओं को “स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित” देव मेला का अनुभव मिलेगा।
✨ चार दिवसीय कार्यक्रम क्रम:
25 अक्टूबर: नहाय-खाय
26 अक्टूबर: खरना
27 अक्टूबर: संध्या अर्घ्य
28 अक्टूबर: प्रभात अर्घ्य व पर्व समापन
देव नगरी अब पूरी तरह तैयार है छठ मईया के स्वागत में — सूर्य मंदिर से लेकर घाटों तक सजावट, गीत-संगीत और श्रद्धा का वातावरण चारों ओर व्याप्त है।







